हेलो दोस्तो आज में आपसे एक बहुत ही खुबसूरत एहसास के बारे में बात करूंगा यह भले ही छोटा सा दो अक्षर से बना हूआ शब्द है पर हमारी जिंदगी में इसके मायने और मौजूदगी दोने ही अहम होती है यू तो हर रिष्ते में प्यार होता है परंतु हर में इसकी मोजूदगी का एहसास ओर विश्वास दोनो जितना गहरा होता है रिष्ता उतना ही अच्छा होता है
आज में आपको यह बताना चाहूंगा की लोग जव प्यार में होते है तो वह क्या क्या गलतियां करते है पहले क्या होता था कि पूरा परिवार सभी दोस्त रिश्तेदार सव लोग एक दूसरे से प्यार करते थे उनके आने जाने पर खुष हुआ करते थे परंतु आज सिमट से गये है सव अपने में मस्त होते है किसी को किसी से मतलब नही होता है आज का प्यार भी सिमट सा गया है इसके मायने भी कुछ हद तक बदल गये है आज हम इस बदले हुए प्यार के बारे में ही बात करने वाले है अगर आपको मेंरी यह पोस्ट अच्छी लगे तो आप मूझे कमेंट करके बता दिजिएगा जिससे में आपसे आगे भी ऐसी ही बाते कर सकें
आज कल परिवार सिमट गया हे इसलिए प्यार भी सिमट सा गया है पहले पूरे खानदान में सब एक दूसरे से प्यार करते थे पर आज एक परिवार में अपने वालो के लिए वस प्यार होता है सभी से कोई प्यार नहीं करता है जिम्मेदारिया कम हो गयी है फिकर कम हो गयी है किसी के आने जाने से अव लोंगो को फर्क नही पड़ता है यू तो पहले लोग अपनी खुषिया बाटतें थे सभी का आदर करते थे परंतु आज लोग अपने ओर अपने बारे में बस सोचते है सभी की फिकर कोइ नही करता है
प्यार एक खुबसूरत एहसास हे जो सिर्फ हमें हमारे अपने से मिलता है जैसे मॉ पापा वहने भाई दोस्त और कुछ करिवी लोंगो से! में आपको एक कहानी के द्वारा प्यार का महत्व समझाना चाहूंगा साथ ही एक छोटी सी सिख भी देना चाहता हूॅ
जव एक परिवार में एक बच्चें का जन्म होता है तव उसे उस घर का हर एक सदस्य प्यार देता हे हर रिष्ते से उस बच्चें को लाड प्यार मिलता है और वह ऐसे ही माहोल में बडा भी होता हे जहा से उसे अपने घर वालों का प्यार दुलार फिकर सव मिलती है पर जव वह थेाडा बडा होता है घर से बाहर जाता हे तो किसी और के प्यार में पडकर वह सवका प्यार भूल जाता है चलिये अव कहानी बताते है
ये कहानी है एक परिवार की जिसमें माता पिता एक भाई है उस परिवार में चौथा सदस्य आता ही जो कि अपने घर की जान होती है उसका नाम हें सिया मॉ कि जान पिता की राजकुमारी और भाई की लाडली सव उसे बहुत प्यार करते है उसका बहुत ख्याल रखतें है सबकी जान उसमें वसती हे जव तक वह छोटी होती है वह भी सवसे बहूत प्यार करती है पर जव बच्चे धिरे धिरे बडे होते जाते है अपनी दुनिया में खोने लगते है चिजे बदलने लगती है समय भी बदलता है घर का प्यार और माहौल भी बदलने लगता है फिर सिया भी अपनी पडाई में ध्यान देती हे बाहर घूमना फिरना दोस्तो के साथ इन्जाय करना करने लगती है अव वह समझदार हो गयी यह सोचकर घर वाले भी ज्यादा कुछ नहीं कहते और अपने बच्चों से इतना प्यार करते है कि सही गलत पर ध्यान ही नही दे पाते ऐसे मे सिया किसी लडके के प्यार में आ जाती है इस कदर की अपने घर वालो का प्यार भी वह भूल जाती है जव तक घर पर सवको पता चलता है तव तक बहुत देर हो चूंकि होती है इस कन्डीषन में आप अपने बच्चे को कितना ही समझा ले वह आपकी वात नही सुनता उसे तो यह लगता हे कि वह इतना बडा हो गया हे कि वह अपने सारे फैसले खुद ले सकती है और किसी की भी बात नहीं सुनती है छोटी उम्र में गलतियां होती है पर उसका एहसास भी होना चाहिए ना इस उम्र में जो गलतियां होती है उन्हे सुधारना भी मुसकिल होता है सिया अपने परिवार का 18 20 साल का प्यार चंद दिनो में ही भूल जाती है और वह उस लडके के कहने में आ जाती है जिससे वह प्यार करती है वह भूल जाती है कि मा पापा का प्यार निस्वार्थ होता हे जो सिर्फ वही दे सकते हे उनके अलावा पूरी दुनिया में मा बाप के जैसे प्यार कोई और नही दे सकता है और सिया उस लडके के साथ चली जाती है जिसके साथ उसका कोइ भविस्य नही होता जो आगे के बारे में कूछ ना जानती हो जिसने कभी दुनिया ना देखी हो जिसे अपने अच्छे बूरे के बारे में ना पता हो वह इतना बडा कदम एक झटके में ले लेती है और अपनी पूरी जिंदगी बरवाद कर लेती है ओर बाद में पछताती हे या कही जाकर काम करती है यह हर लडकी की कहानी है जिसे हम सुधार सकते हे
सबक – मेने कोशिश कि है आपको एक कहानी के द्वारा समझाने की क्योकि हर मॉ बाप अपने बच्चो को बहूत प्यार करते हे चाहे वह लडका हो या लडकी इसलिए उन्हे एक सही उम्र में सारी चीजें बतानी चाहिए क्योकि दुनिया बिल्कुल भी अच्छी नहीं हे और ऐसे मे बह कोई गलत कदम लें तो उनकी जिंदगी खराव हो जाती है हमारे आस पास इतने कैस हो रहे है आये दिन रेप कैसेस सुनने मिलते हे अगर हम हमारे बच्चो को अच्छा बुरा बताये तो वह इन सव को समझने में गलती नहीं करेंगे वेसे ही हर लडके को एक अच्छी शिक्षा दे तो वह किसी भी लडकी के साथ कभी कुछ गलत नही करेंगे ओर समाज में बहूत सुधार होगा अपने बच्चो के दोस्तो से भी मिले बाते करे क्योकि कई बार गलत संगत से भी चीजे खराब होती है बच्चो कि हर छोटी बडी गलतीयो को समझे उनसे बातें करे उन्हे ठीक करने बोले सही गलत की परख सिखाये जिससे वह अपना अच्छा बूरा समझ सके और कोई भी काम करने से पहले अपना सही गलत समझ सके और अपने भविष्य के बारे में सोच सके और अपनो का ध्यान रखे!